Hindi poetry on life | ज़िन्दगी पर सुन्दर कविता

 दोस्तों आज हम इस पोस्ट मे ज़िन्दगी में घट रही घटनाओं पर कविता (Poem on life) लेकर आये है।इसमें हमरे साथ रोज आने वाली तकलीफे जो हम सब को रोज देखने को मिलती है। घर की जीमेदरिया की बोझ घर की तकलीफे को देख परेशान हो जाना।इस कविता के माध्यम से हमने यही सब बातों की कोशिश की है।


    ज़िन्दगी की उलझन

    कुछ सवाल है मन में चल रहा

जवाब नहीं किसी किताबो में

इस उलझन को कैसे सुलझाऊ मै

बस यही बात दिन रात सोच रहा

क्या करू मै कैसे करू मैं

इसी उलझन में फंसा रहा हूं

ये दिल और दिमाग चाहता कुछ और है

नसीब करता मेरा कुछ और है

जीमेदरियो के बोझ आ गई है सर पे

हर चाहत अपना नहीं अपनो के लिए

लगने लगा।

हर उस बस्ती में गुमनाम सा लगता हूं मैं

अब हम कहा हम में रहता हूं मैं

इस डूबती हूं कस्त्ती को किनारा लगाना है

इस रंग बिरंगी दुनिया में एक अपना

अपनों में एक नई पहचान बनाना है


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