Gulzar shayari in hindi:- Gulzar sahab is one of the most popular writer in India. Also, the best filmmakers and lyricists. Gulzar Sahab Writes very intresting and Beautiful Ghazal, Poetry, Quotes, Alfaaz, and Poems in Hindi & Urdu. Her words touch everyone’s heart. Today we have Collected some heart-touching Shayari’s of Gulzar Sahab and i hope you like that this gulzar shayari.
Gulzar Shayari in Hindi
मिलकर लिखेंगे कहानी मोहब्बत की,
मैं काग़ज़ तुम कलम बस इतना साथ हो।
Milkar likhenge kahni mohabbat ki,
Main kagaj aur tum kalam bas itna sath ho.
सैर जन्नत की करा देता है इश्क़
मरीज हो अगर दिल के तो कर लो इश्क़
क्योंकि धड़कना दिलों को सिखा देता है इश्क़।
Diwana har sakhs ko bana deta hai ishq
sair janant ki kara deta hi ishq
mariz ho agar dil ke to kar lo ishq
kyoki dadkana dilo ko sikha deta hai ishq.
आसमान में छेद कर दूँ एक तारे के लिए
ज़िन्दगी आगे रख दूँ सारी तुम्हारे लिए
और आपके लिए मैं क्या कहूं
हम आपके हैं और आप हमारे लिए।
Asman me chhed kar du ek tare ke liye
zindagi aage kar du sari tumhare liye
aur aapke liye main kya kahun
hum apke hai aur aap hamare liye.
मेरे लबों पे बस तेरा नाम हो
मोहब्बत में ऐसा अपना काम हो
हीर राँझा की मिसाले लोग भूल जाएँ
अपनी मोहब्बत ही इतनी खास हो।
Mere labo pe bas tera naam ho
mohabbat me esa apna kaam ho
heer ranjha ki mishale log bhul jayenge
apni mohabbat hi itani khas ho.
मेरी ज़िंदगी के हिस्से की धुल हो तुम
जो दिल में खिले वो फूल हो तुम
अब मेरे हर लम्हे में क़ुबूल हो तुम
Meri zindagi ke hisse ki dhul ho tum
jo dil me khile vo phul ho tum
ab mere har lamho me kubul ho tum.
Relationship 2 lines gulzar shayari
गिरती हुई बारिश और
बारिश में तुम तो बहाना है
तुम्हारे लबों पर गिरे जो बारिश की बूँद
उसे लबों से उठाना है
Girati hui barish aur
barish me tum to bahan hai
tumahre labo par gire jo barish ki bund
use labo se uthana hai.
ढाया खुदा ने ज़ुल्म हम दोनों पर,
तुम्हें हुस्न देकर और मुझे इश्क़ देकर।
Dhaya khuda ne julm hum dono par,
tumhe husn de kar aur mujhe ishq dekar.
जिनका मिलना मुकद्दर में लिखा नहीं होता,
उनसे मोहब्बत कसम से बा-कमाल होती है।
Jinka milana mukddar me anhi hota
unse mohabbat kasam se ba- kamal hoti
मयखाने से पूछा आज इतना सन्नाटा क्यों है,
बोला साहब लहू का दौर है शराब कौन पीता है।
ग़ुरबत की बारिश आते ही बरकत की छत बन जाए
हर मुश्किल उसे दर पर आके सलाम करती है
वक़्त को बदलना उसकी आदत में शामिल है
हर शक्श के साथ दुआएं माँ की रहती हैं
इन सूखे पेड़ों के दिल भी गुलज़ार अभी बाकी है
आगाज़ हुआ है रिश्तों का अंजाम अभी कभी है
एक नीमत है ज़िन्दगी इसे संभाल के रखना
इस सफर की आखरी मंज़िल शमशान अभी बाकी है
तोहमतें जो लगी मुझपर मोहब्बत और वफाओं में
ना तू मेरा हुआ यारा ना हो पाया हूँ तेरा मैं।
हाँ सब ख्वाब टूटे हैं के टूटे हैं सभी नाते
नहीं आसान मिटा देना वो बरसातें तेरी यादें।
देख कर आईना झुक गयी है नज़र
दिल जो तोड़ा मेरा है ये उसका असर
देखना खुद से नफरत भी होगी तुम्हें
तेरे दिल में कोई और ही है
मेरे दिल ने ये सहा नहीं
तेरी नज़रें मुझसे कह गयी हैं
कसम तुमको मेरी मेरे बनके रहना
ज़फ़ा चाहे कर लो इजाज़त है मेरी
जो खुद मुझमे मुझको नहीं तुम मिलोगे
अजी फिर मोहब्बत पे लानत है मेरा।
आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है।
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई।
तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।
ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा
काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी
तीनों थे हम वो भी थे और मैं भी था तन्हाई भी।
खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है।
वो उम्र कम कर रहा था मेरी
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है।
उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले।
सहर न आई कई बार नींद से जागे
कोई न कोई रहबर रस्ता काट गया
जब भी अपनी रह चलने की कोशिश की।
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद।
आ रही है जो चाप क़दमों की
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद।
हम समझदार भी इतने हैं के
उनका झूठ पकड़ लेते हैं
और उनके दीवाने भी इतने के फिर भी
यकीन कर लेते है
आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हमने ऐतबार किया।
तेरी राहो में बारहा रुक कर,
हम ने अपना ही इंतज़ार किया।।
अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब,
ये गुनाह हमने एक बार किया।।।
सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की,
मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर,
कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया।।
इस बार मिली मुझसे तो गमगीन थी बारिश।
कुछ लोगों ने रंग लूट लिए शहर में इस के,
जंगल से जो निकली थी वो रंगीन थी बारिश।।
सुनो…
जब कभी देख लुं तुमको
तो मुझे महसूस होता है कि
दुनिया खूबसूरत है
देर से गूंजते हैं सन्नाटे,
जैसे हमको पुकारता है कोई.
कल का हर वाक़िया था तुम्हारा,
आज की दास्ताँ है हमारी
कोई न कोई रहबर रस्ता काट गया
जब भी अपनी रह चलने की कोशिश की
तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
Deep meaning gulzar shayari in hindi 2 lines
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं
हवा चले न चले दिन पलटते रहते है
काई सी जम गई है आँखों पर
सारा मंज़र हरा सा रहता है
बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से,
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है!
फुर्सत मिले तो कभी बैठकर सोचना
तुम ही मेरे अपने हो या हम भी सिर्फ तुम्हारे हैं
कहते हैं जो पा लिया वो मोहब्बत ही क्या
जो सुलगता रहे वही इसक लाजवाब है
सजा देने हमे भी आती है
पर तू तकलीफ से गुजरे यह हमे गवारा नहीं।
आँशु का बूंद है ये ज़िंदगी का सफर
कभी फूल में तो कभी धूल में।
मीलो का सफर पल भर में बर्वाद हो गया।
जब उसने कहा कहो कैसे आना हुआ।
ज़िंदगी किस्मत से चलती है साहब
दिमाग से चलती तो बीरवल बादशाह होता।
जिसको कह रहा है पुराना लगा मुझे
ये घर खरीदने में ज़माना लगा मुझे।
उम्र जाया कर दी लोगो ने औरो के बजूद में
नुक्स निकालते निकालते।
इतना खुद को तरासा होता तो फरिस्ते बन जाते
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता
पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी।
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