दिल है कि मानता नहीं Dil Hai ki Manta nahi lyrics in Hindi – Amir khan

Dil hai ki Manta nahi lyrics in hindi

Song Details:-

Title:- Dil Hai Ki Manta Nahi

Movie:- Dil Hai Ke Manta Nahin (1991)

Singer :- Kumar Sanu, Anuradha Paudwal

Lyrics:- Faiz Anwar

Music:- Nadeem–Shravan

Music Label:- T-Series

 

Dil Hai Ke Manta Nahi Lyrics in Hindi – kumar Sanu

 

दिल है कि मानता नहीं

दिल है कि मानता नहीं

मुश्किल बड़ी है रस्म-ए-मोहब्बत

ये जानता ही नहीं

 

ओ दिल है कि मानता नहीं

दिल है कि मानता नहीं

ये बेकरारी क्यूं हो रही है

ये जानता ही नहीं

दिल है कि मानता नहीं

दिल है कि मानता नही

 

दिल तो ये चाहे हर पल तुम्हें हम

बस यूं ही देखा करें

मर के भी हम ना तुमसे जुदा हों

 

आओ कुछ ऐसा करें

मुझ में समा जा आ पास आ जा

हमदम मेरे, हमनशीं

दिल है कि मानता नहीं

दिल है कि मानता नहीं

 

तेरी वफ़ाएं, तेरी मुहब्बत

सब कुछ है मेरे लिए

तूने दिया है, नज़राना दिल का

हम तो हैं तेरे लिए

ये बात सच है, सब जानते हैं

तुमको भी है, ये यक़ीं

दिल है कि मानता नहीं

दिल है कि मानता नहीं

 

हम तो मोहब्बत, करते हैं तुमसे

हमको है बस इतनी खबर

तन्हाँ हमारा, मुश्क़िल था जीना

तुम जो ना मिलते अगर

बेताब साँसें, बेचैन आँखें कहने लगीं, बस यही..

दिल है कि मानता नहीं

 

अदायें भी हैं, मोहब्बत भी है

शराफ़त भी है, मेरे मेहबूब में

वो दीवानापन, वो जालिम अदा

शरारत भी है, मेरे मेहबूब में

 

अदायें भी हैं, मोहब्बत भी है

नज़ाकत भी है, मेरे मेहबूब में

वो दीवानापन, वो मासूमियत

शरारत भी है, मेरे मेहबूब में

 

ना पूछो मेरा दिल कहा खो गया

तुझे देखते ही तेरा हो गया

आँखों में तू, मेरे ख्वाबों में तू है

यादों के महके गुलाबों में तू है

वो सहमी नज़र, वो कमसीन उमर

चाहत भी है, मेरे मेहबूब में

 

वो दीवानापन, वो मासूमियत

शरारत भी है, मेरे मेहबूब में

 

साँसों की बहती लहर रुक गयी

मुझे शर्म आयी, नज़र झूक गयी

के हम उन के कितने करीब आ गये

ये सोच के हम तो घबरा गये

वो बांकपन, वो दीवानगी

इनायत भी है, मेरे मेहबूब में

 

वो दीवानापन, वो जालिम अदा

शरारत भी है, मेरे मेहबूब में

 

मोहब्बत की दुनिया बसाने चला

मैं तेरे लिये सब भूलाने चला

खुशबू कोई उसकी बातों में है

हर फ़ैसला उसके हाथों में है

 

वो महका बदन, वो शर्मिलापन

नज़ाकत भी है, मेरे महबूब में

वो दीवानापन, वो जालिम अदा

शरारत भी है, मेरे मेहबूब में

 

अदायें भी हैं, मोहब्बत भी है

नज़ाकत भी है, मेरे मेहबूब में

 

ये जानता ही नहीं

दिल है कि मानता नहीं

दिल है कि मानता नहीं


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