Sad Poetry In Hindi :- कविता, एक ऐसी विशेष शैली है जो मानव भावनाओं को सुंदरता से छूने का क्षमता रखती है। हिंदी कविता में दुःख और जिंदगी का मुद्दा, एक विशेष रूप से लोगों के दिलों को छू जाता है और एक नए दृश्टिकोण से जीवन की सच्चाई को समझाता है।
बहुत से महाकवियों, कवियों और कविताओं में दुःख का विषय गहराई से छूटता है। एक कविता के माध्यम से कवि अपनी भावनाओं, अहसासों और दुःख को सांगीतिक शब्दों के माध्यम से व्यक्त करता है। इसमें व्यक्ति अपनी समस्याओं, विचारों और आत्मा की गहराइयों में खो जाता है। हमने इस पोस्ट बेहतरीन कविताये को इकट्ठा करके आपके लिए लिए लाया हूँ आप इसे पढ़े और अपने दोस्तों के साथ शेयर करे
Love poetry in hindi
1. हम कहा पूरे है।
गजल हो या जिंदगी दोनो अधूरे है,
बिना तेरे कहो भाला हम कहा पूरे है।
दुनिया जहां में यूं तो भीड़ है बहुत,
जाने क्यों फिर भी हम सिर्फ तेरे है।
इंतजार में उमर गुजर रही हमारी,
आवोगे कब तुम सवाल हमे घेरे है।
तेरा दामन रहे साफ हमेशा ‘सहर’
दाग जो आए हिस्से में वो मेरे है।
__ सहर
2. तेरी खत है तेरी आखिरी निशानी
दर्द से लिखी है एक इबादत मैंने
अश्कों सी पाक की इबादत मैने।
तेरे खत है तेरी आखिरी निशानी
जान से बढ़कर की है हिफाजत मैं।
इश्क था जो न हुवा मुक्कमल
जाने कितनो से की अवादत मैने।
जिसको चाहा उसी के खातिर
दी है अरमानों की शहादत मैने।
3. अब वो नाराज रहती
लाख कोशिशों के बाद भी
मैं उसे नही माना पाया।
अब वो नाराज रहती है मुझसे
रूठी हुई
या शायद मै ही बहुत लापरवाह हूं
बहुत बुलाता हूं अब
पर पास नहीं आती
रात भर नही आती।
ना जाने कहा जाकर छुप जाती है
सुबह होते ही आएगी
खुले– बिखरे–अंधेरे
खुद में समेट कर।
नींद का कोई भरोसा नहीं
कभी थकने पर भी नही आती।
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4. मेरी गली
तुम शौक से मेरी गली में आया जाया करो,
एक झलक देखने को घंटो बिताया करो।
हमे नही है एतराज तुम दीवाने बन जाओ
गली में खड़े होकर मेरा नाम चलाया करो।
मेरी बदनामी की तुम क्यों चिंता करते हो,
तुम्हे तो बस जो मन में आए वही किया करो।
रस्मे वफा से तुम्हारा कोई वास्ता नहीं है,
शक भले कर लो पर जासूसी मत किया करो।
2 line love poetry in hindi
5. यूंही अल्फाजों में
यूंही अल्फाजों में अपने जज्बात छुपाता रहा हूं मैं,
खुशमिजाज चेहरा आईने को भी दिखाता रहा हूं मैं।
गर फिर भी कोई पूछे!ये उदासी का मंजर क्यों है,
टालने को उसे छोटा सा है जख्म बताता रहा हु मैं।
दर्द को सीने में ही दबा! हर महफिल में ना गया कर,
बस यही बात तो खुद को ; रोज सिखाता रहा हु मैं।
मैं मुसाफिर अकेला भी हूं बहुत खुश ; इस सफर में,
यही बात कहकर हर रोज दिल को मानता रहा हु मैं।
अजमाइसो की तो आदत सी हो गई है अब मुझे,
जिंदगी के हर मोड़ पे धोखे; ऐसे खाता रहा हु मैं।
एक रोज कहा था, जिस गली में अलविदा उसे मैने,
तब से हर रोज उसी गली से, आता जाता रहा हूं मैं।
6. अब प्यार नही आता।
कैसा वक्त बदला है,
खुद को आईने में देखकर भी
अब प्यार नही आता।
लाख कोशिश कर ले,
लेकिन फिर भी अपनो का
अब एतबार नही आता,
एक मुद्दत हो गई मुझे,
खुद से खुद की मुलाकात को
कई छुट्टियां आई गई बेसक ,
पर वो बचपन वाला
अब येतवार नही आता।
7. मैं कभी तुम्हे याद भी आऊं
मुझे पता है
तुम मुझे भुलाने की कोशिश में
हर दरवाजा, हर खिड़की
बंद करती जा रही हो…..
अब तो मैं खुद भी नही चाहता
की कभी तुम्हे याद भी आऊं …
में तो बस इतना ही चाहता हूं
कभी एक पल के लिए तुम
खुद के लिए भी जियो ना.
ख्वाइसो में डूबी
मुस्कुराती शाम
तुम भी देखो ना .
उम्र मिली है और जिंदगी भी
मुझसे नफरत में
खुद से ये इंतकाम अच्छा नहीं….
मेरे लिए नही
कभी खुद के लिए भी
जीकर देखो ना।।।
8. ये तमाशा शहर में क्यों है।
आग दिल में लगी मेरे धुवा तेरे दर में क्यों है
खामोश मैं हुवा हूं सनाटा तेरे घर में क्यों है।
बड़ी हलचल सी है अफवाहों के बाजार में
ना चाहते हुवे भी ये तमाशा शहर में क्यों है।
एक मैं हूं बेफिक्र बेपरवाह तुम्हारे इनकार से
फिर चर्चा इस बात की जमाने भर में क्यों है।
मैने वो खोया है जो कभी पाया ही नही था
फिर दिल मेरा अंजान साय के डर में क्यों है।
पहले उलझे दिन के बाद हसीं शाम होती थी
अब ये उदासी ,ये बेचैनी हर पहर में क्यों है।
मैने तो कुरेदे खुद के जख्म नासूर बनाने को
बताए कोई दवा सी फितरत जहर में क्यों है।
9. उपवन नही मारा करते
जितने भी अंधेरे मिल जाए जुगनू नही डरा करते
इक चिड़िया के मर जाने से उपवन नही मारा करते।
ऐसा भी क्या हठ है तेरा कब तक शोक मनाएगा
आंखों के इस दरिया से सागर नही भरा करते।
क्या देख रहा अंबर को ,क्या उम्मीद लगाए बैठा है
छिटपुट प्रेम के बादल सहरा नही हरा करते।
किसी का हो वो दरिया चाहे किसी का उसका पानी
अपना हक अजमाने को किनारे नही लड़ा करते।
एसी ही ये दुनिया है ऐसा ही ये सहर है सब
इसके झूठे वादों पर जीवन नही अदा करते।।
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10. वो दिन भी क्या दिन थे
अठारह की उम्र पार करने पर
सिर्फ स्कूल ही नही छूटता
ना जाने कितनों के
अपने शहर छूट जाते है
ना जाने कितनों के
दोस्त बिछड़ जाते है
ना जाने कितनों का
वो कूची उम्र वाला प्यार
अधूरा रह जाता है।
तो ना जाने कितनों के
बक्चपन के सपने टूट जाते है।
अठारह की उम्र पर करने पर
सिर्फ स्कूल ही नही छूटता।
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Motivational life poetry in hindi
11. यहां इल्जाम बहुत है
थकान बहुत है
इस जिंदगी के सफर में,
अपनो के अपनो पर
यहां इल्जाम बहुत है,
शिकायतों का दौर देखता
हूं तो थक सा जाता हूं,
लगता है उम्र कम है
और इम्तिहान बहुत है।
12. अलहर नदिया
नदी को बांध कतई मंजूर नही था
वो बेताब थी पसर कर जमीन से लिपट जाने को
रची साजिशे उसने बादल के साथ मिलकर
वो बेकरार था नदियों में समा जाने को
जमीन को इंतजार था अलहर नदिया की
जो खुद मचल रही थी उसकी प्यास बुझाने को
एन वक्त पर साजिश का खुलासा हो गया
लाचार नदी सुख गई अपना वजूद मिटने को।
13. आसमान छूने की चाह में
शहर की इस भीड़ में न जाने,
कितने गांव को गए…
लौटा कहा कोई घर अपने
सब इस शहर के हो गए..
ऊंची इमारतों में कैद होना
मंजूर किया इंसान ने…
ये खेती–खलिहान वापसी राह
ताकते रह गए…
जाने किस दौर में सामिल है सब
आसमान छूने की चाह में
जमीन से बिछड़ गए।।
यूं तो खूब कमाए धन दौलत
सब रिश्ते खोते – खोते तन्हा रह गए।।
motivational poetry in hindi
14. मैं तेरे होठों को गुलाब लिखूंगा।
जब तेरे बारे में किताब लिखूंगा
मैं तेरे होठों को गुलाब लिखूंगा
लिखूंगा जब बे –खुदी का सबब
मैं तेरी आंखों को शराब लिखूंगा
होगा सवाल जन्नत का जब कही
मैं तेरी बाहों को जवाब लिखूंगा
लिखूंगा तुझे रानी पारियों की
मैं खुद को फिर नवाब लिखूंगा।
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15. जिंदगी के दौड़ में
जिंदगी की दौड़ में,
तजुरबा कच्चा ही रह गया…।
हम सिख न पाए”फरेब”
और दिल बच्चा ही रह पाए..।
बचपन में जहा चाहा हंस लेते थे,
जहा चाहा रो लेते थे…।
पर अब मुस्कान को तमीज चाहिए,
और आंसुओं को तनहाई…।
हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज में
देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों में..
चलो मुस्कुराने की वजह ढूढते है
तुम हमे ढूढो; हम तुम्हे ढूढते है..।।
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16. दिखावे के शौकीन
कुछ जख्म सीने पे हमने संभाल रखे है
हमने कुछ दर्द यूंही बेवजह पाल रखे है।
हर जख्म की अपनी अपनी कहानी है
कुछ में कांच है कुछो से निकल रखे है।
पहचान तो हो गई अपने पराए की हमे
हमने फिर भी रिश्ते बहरहाल रखे है।
बहुत से तो बोझ से है जिंदगी में हमारी
और कुछ दोस्त हमने भी कमल रखे है।
हम नही है झुटी वहा वही के मोहताज
हमने नेकी कर दरिया में डाल रखे है।
लेकिन कुछ है दिखावे के शौकीन बहुत
है गिदर और पहन शेर के खाल रखे है।
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Heart touching poetry in hindi
17.औलाद बिगड़ते देखा है।
कुछ तो हमने देखा है
जिन बागों के ना हो माली
वो बाग उजड़ते देखा है।
कुछ कुछ कहते ,कुछ कुछ करते
मौन नही जिनके भीतर
साध साध चिलाने पर उनके
हालत बिगड़ते देखा है।
पत्थर पत्थर घिस जाते है
रोक टोक घिसे जब परिजन की
हर पल ठोकर खाने वाले
औलाद बिगड़ते देखा है।
मन ईश्वर हो , तन मंदिर हो
मानो हर जन को ऐसे
आंख के बदले आंख ही वाले
अंधी दुनिया देखा है।
भीतर भीतर झांक के हमने
बेहतर दुनिया को देखा है
बंद आंख से ही सही
चलो, कुछ तो हमने देखा है।
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18. शायद मैं ही लापरवाह हूं
लाख कोशिशों के बाद भी
मैं उसे नही माना पाया।
अब वो नाराज रहती है मुझसे
रूठी हुई।
या शायद मैं ही बहुत लापरवाह हूं
बहुत बुलाता हूं अब
पर पास नहीं आती
रात भर नही आती
ना जाने कहा जाकर छुप जाती है
सुबह होते ही आएगी
खुले– बिखरे– अंधेरे
खुद में समेट कर।
नींद का कोई भरोसा नहीं
कभी थकने पर भी नही आती
तो कभी अलाश में भी टपक पड़ती है।
कहा जाती है
कोई पता नही
पते की जगह
थमा जाती है अपना कार्ड
जिसपे लिखा होता है
भाग –दौड़ ,संसार।