आज भी ख़याल तेरा सोने नहीं देता
आज भी मुझे किसी का होने नहीं देता!
आंखों में आंसू लिए देखूं तेरी फोटो पर
तेरा हंसता चेहरा मुझे रोने नहीं देता!
काश धुँए की तरह तेरी यादों में उड़ जाऊं
हस्ती मिटा कर खुद की तुझ से जुड़ जाऊं!
एक बार अपनी बाहों में सुला तो सही
झूठा ही मगर प्यार दिखा तो सही!
11
ना जाने कहां यह दौड़ गई !
तेरी खुशबू को ढूंढोगे कहां
यह शायद गुम हो गई कहीं
हंसती खेलती सारी खुशियां
ना जाने कहां यह दौड़ गई !
वैसे तो अब तक महक रही
कुछ निर्मल कोमल साधारण
अब गुमशुदा से गुमशुदा हुई
जाने ना कोई क्या कारण !
शायद कोई खुशबू चुरा रहा
जो सिंचित फूल किया तुमने
कोई पल पल उसको तोड़ रहा
क्यों ना आभास किया तुमने
अब मुरझाकर कश खा जाए
कुछ ऐसी हालात होती है
बेखबर वह खुद से हो जाए
ना अब हंसती ना रोती है!
12
मैं जीना चाहता हु इस तरह
मैं चलना चाहती हूं तुम्हारे साथ कुछ इस तरह
की अगर गिरूं तो उठने की जरूरत ही ना हो
मैं खिलना चाहती हूं तुम्हारी खुशबू से कुछ इस तरह
कि मैं मुरझाऊं तो इत्र की जरूरत ही ना हो
मैं सजना चाहती हूं तुम्हारे उन अल्फाजों से इस तरह
कि मैं पहनूं तो गहनों की जरूरत ही ना हो
मैं बंधना चाहती हूं तुम्हारी आत्मा से कुछ इस तरह
की जिस्मों को बांधने की जरूरत ही ना हो!
13
यूं तो कोई वजह नहीं
मेरे मुस्कुराते रहने की
पर तेरी भोली सूरत देख
मैं अक्सर खुश हो जाता हूं!
यूं तो मेरी औकात नहीं
रईस दुनिया के सामने खड़े होने की
पर मेरे हाथ में तेरा हाथ आते ही
मैं संसार में सबसे धनी हो जाता हूं !
14
तुम्हें किसी और से मोहब्बत है
तुम मान लो कि मेरी मोहब्बत है पूरी
और तुम्हारी आज भी अधूरी है
मैं चाहता हूं दिल से तुम्हें मगर
लगता है तुम्हारी मजबूरी है!
तुम्हें किसी और से मोहब्बत है
बात वही पूरी है तुम खुश रहो
हमारा दुखी होना जरूरी है!
कभी तेरी मोहब्बत मेरी ताकत थी
आज मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है
जा तू हो जा किसी और की मगर
मेरे ख्वाबों में तू हमेशा मेरी है !
तू मुझे छोड़ दे मैं तुझे छोड़ दूँगा
मगर दिल का रिश्ता कैसे तोड़ दूँगा
कभी तुझसे मुझसे पूछेगा ये जमाना
करेगा क्या बता मुझको भी उनसे बहाना
भला कैसे मै तुझसे मुँह मोड़ लूँगा
आएगी जब जब मेरी याद तुझको
सम्हालेगा ऐ राज कैसे बता दे तू खुद को
खूब कहता फिरता था बिन उसके जी लूँगा!
जब बहारों ने बाहों में भर के चूमा तो,
मौसम गुलज़ार नज़र आया
जब – जब देखा चाँद को,
मेरा प्यार नज़र आया!
तेरे प्रेम की अभिलाषा में मैंने,
तुझे अपनों में अमर किया
तेरी एक झलक खातिर,
अनगिनत गैरों समर किया!
तव शीतल पूनम स्वभाव का,
प्रभाव मन को भाया
जब-जब देखा चाँद को,
मेरा प्यार नज़र आया!
Love Poem In Hindi for Girlfriend
15
तू इजाजत दे या न दे
तू इजाजत दे या न दे,
तेरी इबादत करता रहूंगा,
तू प्यार करे या ना करे,
मैं इजहार हर लम्हा करता रहूंगा!
तू मिले या ना मिले कोई शिकवा नहीं,
बस तेरी यादों में तुझसे मिलता रहूँगा,
दिल में ना बस सका मै तेरे,
पर तेरे ख्यालों में जरूर आऊंगा!
तू इजाजत दे या न दे,
तेरी यादों को ही सहारा बनाऊंगा,
तू परवाह करें या ना करें पर
मैं आखरी सांस तक परवाह करता रहूंगा!
तू जिस्म की चाहत नहीं,
मेरी रूह की इबादत है,
जितने फासले है तेरे मेरे दरमियां,
उतनी ही शिद्दत से मोहब्बत करता रहूंगा!
तू इजाजत दे या न दे,
तेरी इबादत करता रहूंगा!
16
रूठना तो हमे भी आता हैं
लेकिन मनाने कहा कोई आता हैं
घुटते रहे दर्द को पीते रहे खुद ही
फिर भी खुशियाँ सबमे बार-बार बांटता हैं
अकेले में खुद ही आशु बहाता हैं
रूठने का फायदा ही क्या
जो दिल की कही वो नहीं कोई सुन पाता हैं
रूठे धरती का प्यास बुझा बादल उसे मनाता है.
तितली और भवरो को मनाने फूल हर रोज खिल खिलाते हैं
नदियों की जिद पूरी करने के लिए पहाड़ भी रास्ता बनाता हैं
एक हम है जिसे मनाने कहा कोई आता हैं…
फूल न हो तो भवरो का क्या काम
बिन बरसात मयूरी भी हो जाती उदास
कैसा सावन जिसमे ना हो बरसात
रूठे ही क्यों जब कोई मनाने नहीं आता हैं
लाख दर्द के बिच भी मुस्कुराना सीखा हमने
फिर कभी इश्क़ नहीं करने का कसम खाया हमने
रूठना हमे भी आता हैं
लेकिन मनाने कहा कोई आता हैं
काश होता कोई राहो में साथ निभाता
रूठने से पहले ही हमे मनाता
करते कुर्बान पूरी जिंदगी उस पर
काश कोई तो प्यार लुटाती हम पर
कहने से पहले ही समझ जाती
दर्द मिला बिहासाब हमे
जर्रे-जर्रे ने जो भी कहा
उसने कहा आँखों देखी
देखा उसने तकिया पकड़ सिसकना मेरा
गली-गली तेरे ही खोज में भटकना मेरा
लोगो के जुबान पर चर्चा तेरा-मेरा
तरसता रहा मैं तेरे ऐसे
सावन तरसे जैसे बरसात बिना
बादलो का मिलना मिलकर बिछड़ना
पानी का बरसना फिर बून्द बून्द का
न जाने कहा खो जाना।
17
मिलने की हसरत थी तुमसे
थी तू बसंत ऋतू समान मेरे जीवन में
बीत गयी तू भी हर कहानी की तरह
मिलने की हसरत थी तुझसे ऐसे
सागर में जा मिले नदी का पानी जैसे
रहता हूँ खोया तेरी ही यादो में मैं
पूरा होने के लिए दुआ माँगता हूँ मैं
पल-पल रास्ता तेरा तकता रहा मैं
उम्मीद ही था अंतिम सहारा
अब तो उम्मीदें भी रह गयी अधूरी
कसक उठती है जब भी दिल मे
इस मीठे दर्द को बहला लेता हूँ मैं
किया मैंने कितना जतन तेरे लिए
पूरी कहानी सुना सकता हूँ मैं।
हूँ बेचैन इस कदर मैं तेरे बिना
रह गया हो जैसे चाँद, चांदनी बिना
चाहत थी कि इतने करीब आ जायँगे
बीच की सारी दूरियाँ मिलके मिटायेंगे।
पर हुआ वही जो होता आया है
इश्क़ में हीर राँझा का मिलन
ना कभी हो पाया हैं।
तुझमे हीर को देखा था मैंने
खुद में राँझा को पाया था
मैंने वफ़ा निभाई बदले में
बेवफाई को ही पाया था।
जमाना था दुश्मन इश्क़ का हर बारी
इश्क़ करने वाले ही दुश्मन बने है पहली बारी
अब तो उम्मीदें भी रह गयी अधूरी
हसरत ही थी ऐसी की कभी नही हुई पूरी।
18
मै पथिक तो वो थी पीपल की छाया
मैं प्यासा तो वो तृप्त करती मेरी काया
तजते नहीं तजता उसका मोह-माया
क्या करूँ अब तू ही बता
एक वो ही तो थी जिसके सिवा न कोई दूजा भाया
करता रहता हूँ मै इन्तजार उसका वापस आने का
दुआ करता रहता हूँ मैं उससे फिर से गले लगाने का
19
दुनिया में बहुत कुछ देखने को,
इन आँखों को बास तू अच्छा लगता है,
पास तो बहुत कुछ है मेरे,
लेकिन तुझे खोने का डर लगता है,
वैसे तो 100 दर्द हैं इस दिल में,
लेकिन तुझे देख लूँ तो सब अच्छा लगता है,
कभी-कभी तू मुझे देखकर भी अंजान बनता है,
ये मुझे अच्छा लगता है,
तू हो या ना हो मेरे पास लेकिन तेरी यादें,
मेरे पास है ये सोच के अच्छा लगता है,
तेरी मोहब्बत में तेरे संग बिताया हुआ,
हर पल अच्छा लगता है,
वैसे तो बहुत कुछ सुनाने को,
लेकिन तेरी कहानियां सुनाना अच्छा लगता है.
इसे भी पढ़े :-
Heart Touching Love poem In Hindi for girlfriend | |
20
सुनो तुम इतने स्पेशल क्यों हो
सुनो तुम इतने स्पेशल क्यों हो
क्यों मेरे कदम तुम्हारा
रास्ता जानना चाहते हैं ,
क्यों चैन मेरे सपने मेरे वक़्त मेरा
तुम्हारे साथ रहना चाहते हैं।
क्या बात है तुममे जो तुम
इतना मशहूर हो मुझमे
की मुझे फक्र नहीं किसी ज़न्नत का
जैसे ये साड़ी जन्नत
खुद तुमसे मलकर आते हैं
तू कह दो जड़ा एकबार तो
की तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे
जैसे रहा है ये अँधेरा यंहा
तुम उतना ही मेरे पास रहोगे
कहते हैं हजारो
बाते होती है दिन की
लेकिन मुझे तुम्हारी
बाते करना पसंद है.
21
वो दिऩ़ भी आये़गा मेरे इ़तज़ार मे
वो दिऩ़ भी आये़गा
मेरे इ़तज़ार मे
ज़ब तुम़ ख़डी होगी
नज़रे बार बाऱ
रास्ते प़ऱ उठ़ रही हो़गी
घड़ी की सुई़या
अट़की हु़यी लगेगी
दिल की धडक़़ने
बढ़़ ऱही होगी
चेहरे प़र प़़सीना
माथे प़र स़लवटे होगी
तु़म्हे उ़न हालात़ का
अ़हसास होने ल़गेगा
तुम्हार इंत़ज़ार मे
जो मैने स़हा होगा
प्रीत से मिल़न की आस
कुछ़ ऐ़सी ही होती है
जिस़ने स़ही
उ़से ही म़हसूस होती है.
22
इश्क से ज्यादा क्या लिखूँ ?
कुछ गहरा सा लिखना था
इश्क से ज्यादा क्या लिखूँ ?
कुछ सदियों सा लिखना था
तुम्हारी यादों से ज्यादा क्या लिखूँ ?
कुछ ठहरा सा लिखना था
दर्द से ज्यादा क्या लिखूँ ?
कुछ अपना सा लिखना था
तेरे सपनों से ज्यादा क्या लिखूँ ?
कुछ अहसास सा लिखना था
तेरी मुस्कान से ज्यादा क्या लिखूँ ?
कुछ समन्दर सा लिखना था
आँसू से ज्यादा क्या लिखूँ ?
कुछ खुबसूरती सा लिखना था
आँखो से ज्यादा क्या लिखूँ ?
सुनो-
अब जिन्दगी लिखनी है
तुमसे ज्यादा क्या लिखूँ .
23
अपना बना गया कोई
यूँ जिन्दगी के ख्वाब दिखा गया कोई
मुस्कुराके अपना बना गया कोई
बहतीं हुई हवाओं को यूँ थाम ले गया कोई
सावन में आके कोयल का गीत सुना गया कोई
यूं अपने प्यार की हवा से गम को मिटा गया कोई
मीठे सपनों में आपके अपना बना गया कोई
धूल लगी किताब के पन्नें पलट गया कोई
उस में सूखे हुए गुलाब की याद दिला गया कोई
यूँ जिन्दगी में फिर से प्यार की बरसात दे गया कोई
बिन आहट की इस दिल में जगह बना गया कोई
यूँ फिर से मुझे जीने का मकसद सिखा गया कोई
बिना आहट अपना बना गया कोई.
24
तुम कितने स्पेशल हो मेरे लिए
तुम कितने स्पेशल हो
मेरे लिए मैं कितना बताऊं
बस यु समझ लो तुममे ही
मेरी सारी दुनिया बंद है
कभी जानना मत मेरे
दिल की हाल यु
बस पास रहना मेरे
मेरे हाथ थामना तू
क्युकी यार तेरे बिन न
कोई दिन सोचा है मैंने
बस तुम हमेशा साथ रहना
मेरे होके तुम सुनो तुम इतने स्पेशल क्यों हो
2 Line Love Poetry In Hindi | |
25
तुम ही मेरे दुनिया हो
आजकल तुम्हारे बिना मुझे
कुछ भी अच्छा नहीं लगता है
जिधर भी देखु एकलौता मुझे
तुम्हारा ही चेहरा नजर आता है।
तू न दुनिया सी बन गयी हो मेरी ,
बस गुजारिस है तुमसे
की तुम दुनिया की तरह न हो जाना।
ठहरी हुयी सी मेरी
एक शाम हो गए हो तुम
बस गुजारिस है तुमसे
की तुम कहि ढल मत जाना
क्योकि तुमसे आगे मैंने
देखना अब छोड़ दिया है
तुम तक ही है मेरा अब जो भी है
बिन तुम्हारे भी चलना
मैंने अब छोड़ दिया है.
26
मैं तुम्हारा रहूगी हमेशा
पहली नजर से तू इस दिल में बस गया है
न जाने इस दिल को तू क्या कर गया है|
कुछ जादू सा है इन निगाहो में तेरी
जब से देखा है ये दिल तुझे ये दिल तेरा बन गया है
एक झलक से तेरी मेरा दिन बन जाता है
न देख सकू तुझे तो दिन अधूरा सा जाता है
बात जब होती है तुझसे मैं खुद को भूल जाती हु
बस एक धड़कन सी धरक्ति है
मैं इस दिल को भूल जाती हु
आज भी याद है मुझे बात जब हुयी थी तुझसे
वो लम्हा क्या कमाल था
जब किया इजहार तूने इसक का
वो तो दिन ही बेमिशाल था
तू इजहार करेगा ये मैंने सोचा नहीं था
दिल सोचने लगा ये हकीकत ही थी न
कोई सपना तो नहीं था
तेरी बाते मुझे अच्छी लगने लगी
तेरी साथ ज़िंदगी थोड़ी अच्छी कटने लगी
जो दर्द थे पुराने वो कहि खो सी गयी
तुम ज़िंदगी में क्या आयी मेरी जान
हम तो तुममे खो सी गए
तू रहेगा या नहीं मेरा ये तो मैं नहीं कह सकती
पर मैं रहूगी तेरी आखड़ी पल तक
अब मेरी जान मैं फैक्ट तो नहीं बदल सकता
तुझे बाते करते हुए मैं कहि खो से जाती हु
तेरे बारे में सोचते हुए मैं बिना बात ही मुस्कुराती हु
मैं तो अक्सर यही कहती हु मैं तुझसे प्यार करती हु
मगर तुम जब ये कहते हो न मैं दुनिया भूल जाती हु
तुझे खोने के ख्याल से ही मुझे दर लगने लगता है
दूर जितना होती हु तुझसे तू उतना पास से लगता है
अब कैसे बताऊं तुझे की कितना खास है तू
तू मेरा इसक नहीं मेरी जान है तू.
27
एक लड़का है जो मुझे मुझसे ज्यादा जनता है…
एक लड़का है जो मुझे मुझसे ज्यादा जनता है….
जो बाते मैं खुद को समझा नहीं सकती
वो उन्हें भी समझ जाता है
एक लड़का है जो मुझे मुझसे ज्यादा जनता है
यु तो हर बात पे सवाल उठता है
पर मेरे हर सवाल का जबाब सा हो जाता है
डरता बहुत है न जाने वो किस बात से
भरा है जाने कितने ज़ज़्बात से.
मेरे आँखों को देखने का नया नजरया देता है
मेरे मंजिल के लिए एक जरिया सा होता है
यु तो बे परवाह सी हु मैं
पर जाने क्यों दिल उसकी परवाह कर जाता है
एक लड़का है जो मुझे मुझसे ज्यादा जनता है.
मैं बात न करू तो चिरचिराता है करू तो खिल सा जाता है
नाराज हु तो मनाता है कभी बेवजह इतराता है
कभी वेवजह मुझे सताता है
दीवानगी में अपनी रोज मेरा नाम लिख जाता है
जब सहर घूम के आता है
तो बारी बारी मुझे साडी कहानिया सुनाता है
जब हंसती हु मैं मुझपर दुनिया बार जाता है
एक लड़का है जो मुझे मुझसे ज्यादा जानता है
जब नहीं समझती उसे वो समझाता है
न मालुम हो कोई बात वो बतलाता है
जिस्मानी इसक की दुनिया में
वो कुछ रूहानी सा हो जाता है
मेरे हर सवाल का जबाब कभी बातो तो
कभी खामोशियो से मिल जाता है।
कुछ मेरे घर सा होकर कुछ मेरे रह जाता है
एक लड़का है जो मुझे मुझसे ज्यादा जानता है
28
मेरी जान
क्या तारीफ करू उसकी
वो तो आसमा का चाँद है
मैं जिसके लिए लिखता हु
वो कोई और नहीं मेरी जान है
मेरे हर किस्से में है वो
मेरे ज़ुबान पे हर वक्तउसी का नाम है
ये दिल उसी के लिए धरकता है
बस उसे चाहना मेरा काम है
थोड़ी जाली है वो थोड़ी नादान है
बस एक लड़की नहीं है वो पूरा जहान है
उसे खुश देखकर मेरा पूरा दिन बनता है
बहुत प्यारी उसकी मुस्कान है
उसके गालो के वे डिम्पल
उनमे ही तो बस्ती मेरी जान है
उसकी वो प्यारी आवाज़
जिसे सुनकर लगता है सुनता ही रहु
कितनी मिठास है उसकी बोली में
बस वो बोलती रही और मैं कुछ न कहु
उसकी वो नशीली आँखे
जिनमे खोने का दिल करता है
और उसकी सबसे खूबसूरत
उसके थोड़ी का वो तिल लगता है
वो तो बस एक तिल नहीं
वो तो बस एक नजर का टिका है
जो रब ने खुद लगाया है उसे
उसने भी सोचा होगा कितने खूबसूरत है
कहि नजर न लग जाय इसलिए
पर अपनी खूबसूरती पर
वो कभी गुमान नहीं करती
बहुत साफ़ दिल है उसका
मुझे पूछे बिना कुछ काम नहीं करती
इतनी खास होकर भी
वो एक आम लड़के पर मरती है
मैं बहुत खुस किस्मत हु जो
वो मुझसे प्यार करती है
28
तुम हमेशा बस मुस्कुराते रहा करो
सुनो न तुम हमेशा बस मुस्कुराते रहा करो
पता नहीं पर क्यों तुम्हे मुस्कुराते देखने में
एक सुकून है छाए दिन कैसा भी जा रहा हो
ऐसा लगता है की बस एक मुस्कराहट से
बस कुछ बहुत अच्छा लगने लगता है तुम्हे
मुस्कुराता देख मैं ये भी भूल जाता हु की
मैं परेशान किस बात से था टेंसन की
बात की थी और सच खु तो तुम मुस्कराते
हुए बहुत बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगते हो
मतलब दिन बन जाता है तुम्हे देख कर
तुम एक वो सक्स हो जो सिर्फ अपनी
मुस्कराहट से घायल कर सकता है लोगो को
जैसे मैं हु तुम्हारे लिए घायल
तुम्हारी दोस्ती में घायल तुमसे जुदा हर रिश्ते में
आई लव यु सो मच मेरी मेरी जान
तुम हमेसा मुस्कुराते रहो।
30
बाते बेइंतिहा मोहब्बत की
हम तो बेइंतिहा मोहब्बत करते थे न
एक दूसरे से ज़िंदगी भर का साथ निभाने का वादा किया था हमने
वो बेइंतिहा मोहब्बत आज नफरत में क्यों बदल गयी,
ज़िंदगी भर साथ निभाने का वादा आज आधी ज़िंदगी में कैसे छूट गयी ,
हम तो दो जिस्म एक जान थे तो ये जान आज अलग अलग कैसे हो गयी
हमने तो वादा किया था की हमारे बीच कोई नहीं आएगा
तो आज मेरे जगह में कोई और कैसे ….
जब हमारी मुलाकात होती थी तो हमारी चेहरे में वो रौनक
तुम्हारी होठो पे वो प्यारी सी मुस्कान
तुम्हारी चमकती आँखों में मेरे लिए प्यार
आज सबकुछ बदल सा गया है
न ही होठो पे वो प्यारी सी मुस्कान है
और न ही तुम्हारी आँखों में मेरे लिए प्यार है
हम तो बेइंतिहा मोहब्बत करते थे न एक दूसरे से
वो बेइंतिहा मोहब्बत आज नफरत में कैसे बदल गयी
31
आंखे ना पढ़ सके तुम
जब जा रहे थे तुम,
सौ बार धड़कनों से,
टोका भी था तुम्हे।
ये लब ही तो सीले थे,
बेताब सिसकियों से,
रोका भी था तुम्हे।
थी बेडिया बहुत पर,
दर दर के चौखटों पर,
सजदे भी थे किए।
अपनो में रह रहे थे,
चुपचाप बेखबर से,
गैरो के से जिए।
हां!मोम के ही तो थे,
ना जाने क्यों जहन में,
मुझको न गढ़ सके तुम?
अब सोचती हूं आखिर,
मुझको पढ़ोगे कैसे,
आंखे ना पढ़ सके तुम।
32
पहल जिंदगी की
जहा मैं हू
बहुत खुश हु
अब अकेलापन महसूस नहीं होता
ना ही अंधेरे से डर लगता है
और ना नही अकेले रहने से डर लगता है
अब न किसी को पाने की ख्वाहिश
और ना ही किसी को खोने का डर
अब
मैं हूं
मेरी जिंदगी
और मेरा सफर
33
एक सवाल है मन में
एक सवाल है मन में,
कहो, क्या उसका जवाब दोगे तुम।
मैं बेकरार हूं तुम्हारे लिए,
क्या बाहों में भरके,
दिल को करार दोगे तुम।
मैं चाहता हु की तुम,
हर कदम पर मेरा साथ दो,
कहो जिंदगी के इस सफर में,
मेरे हमसफर बनोगे तुम।
कहो क्या आज
इन सब सवालों का
जवाब दोगे तुम?
34
गुलजार की बाते
लौट के फिर से आए हो….?
तुम तो चले गए थे ना…।
हाल फिर से पुछा है…?
पर हम तो बिछड़ गए थे ना…।
ये सांवली रंगत हुई है कैसे…?
तुम तो निखर गए थे ना…
मेरे हो ये कहते हो…?
पर तुम तो मुखर गए थे ना…।
क्या फायदा पछतावे का..?
हम तो निखर गए थे ना…।
35
जिंदगी
कभी लगता है इस जिंदगी में
खुशियां बेशुमार है, तो कभी लगता है
जिंदगी ही बेकार है।
कभी लागत है लोगो में बहुत प्यार है
तो कभी लागत है रिस में सिर्फ दरार है।
कभी लागत है हम भी जिंदगी जीने
के लिए बेकार है।
तो कभी कभी लगता है हमे सिर्फ मौत का इंतजार है।
36
इश्क में बर्बाद जवानी
एक सुखा फूल एक किताब पुरानी,
काफी है लाने को आंखों में पानी।
बरसो बीते मगर सब ताजा लगता है,
ले आई हमे जाने कहा हमारी रवानी।
और भी काम है करने को जमाने में,
मत करना तू इश्क में बर्बाद जवानी।
सुकून पाने को एक आंचल काफी है।
बेचैनी के लिए है कई ख्वाब आसमानी।
37
सबके हिस्से में नहीं आता
ये जमीं ,ये असमान
ये खुशी,ये मुस्कान
रोटी, कपड़ा और मकान
सबके हिस्से में नहीं आता।
ये इतबार,ये प्यार
ये आंसू , ये इंतजार
सुकून भरा एक इतवार
सबके हिस्से में नहीं आता।
ये मंजिल ये रास्ता, ये सफर
ये रात, ये शाम, ये सहर
हाथ पकड़ के चले, वो हमसफर
सबके हिस्से में नहीं आता।
बेसक ये किसी कहानी
किसी किस्से में नहीं आता,
की जिंदगी मिलती है , मगर जीना
सबके हिस्से में नहीं आता।
इसे भी पढ़े :-