BEST GULZAR SHAYARI IN HINDI ON LOVE | Gulzar sad shayari | गुलज़ार साहब शायरी

GULZAR SHAYARI ON LOVE

इश्क़ की तलाश में

क्यों निकलते हो तुम,

इश्क़ खुद तलाश लेता है

जिसे बर्बाद करना होता है।

आऊं तो सुबह,

जाऊं तो मेरा नाम शबा लिखना,

बर्फ पड़े तो

बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना।

जब भी आंखों में अश्क भर आए

लोग कुछ डूबते नजर आए

चांद जितने भी गुम हुए शब के

सब के इल्ज़ाम मेरे सर आए।

होती नही ये मगर

हो जाये ऐसा अगर

तू ही नज़र आए तू

जब भी उठे ये नज़र।

मेरा ख्याल है अभी, झुकी हुई निगाह में

खिली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में।

मैं जानता हूं, मेरा नाम गुनगुना रही है वो

यही ख्याल है मुझे, के साथ आ रही है वो।

सुरमे से लिखे तेरे वादे

आँखों की जबानी आते हैं

मेरे रुमालों पे लब तेरे

बाँध के निशानी जाते हैं।

तेरे इश्क़ में तू क्या जाने

कितने ख्वाब पिरोता हूं

एक सदी तक जागता हूं मैं

एक सदी तक सोता हूं।

gulzar shayari in hindi

गुल पोश कभी इतराये कहीं

महके तो नज़र आ जाये कहीं

तावीज़ बनाके पहनूं उसे

आयत की तरह मिल जाये कहीं।

पता चल गया है के मंज़िल कहां है

चलो दिल के लंबे सफ़र पे चलेंगे

सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीं पर

जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे।

कोई आहट नही बदन की कहीं

फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं

वक्त जाता सुनाई देता है

तेरा साया दिखाई देता है।

तू समझता क्यूं नही है
दिल बड़ा गहरा कुआँ है
आग जलती है हमेशा
हर तरफ धुआँ धुआँ है।

उम्र तो है मुट्ठी में फिसलती रेत सी,

पकड़ा इसे किसने भला,

जियो जो हर पल इसे भरपूर,

तो फिर जिंदगी गुलजार है !

Gulzar quotes in hindi

वो एक मुकम्मल गजल है,

टूटा हुआ मैं हर्फ हूँ

उसमे भरी नूरानीयत,

और मैं जरा कमज़र्फ हूँ !

कोई समझे तो,

एक बात कहूँ साहब,

तनहाई सौ गुना बेहतर है,

मतलबी लोगों से !

तुमने तो कहा था हर शाम,

हाल पूछेंगे तुम्हारा तुम बदल,

गए हो या तुम्हारे शहर में,

शाम नहीं होती !

एक बीते हुए रिश्ते की,

एक बीती ड़ी से लगते हो,

तुम भी अब अजनबी से लगते हो !

वो चेहरे जो रौशन हैं लौ की तरह,

उन्हें ढूंढने की जरूरत नही,

मेरी आँख में झाँक कर देख लो,

तुम्हें आइने की जरूरत नही |

जिन दिनों आप रहते थे,

आंख में धूप रहती थी,

अब तो जाले ही जाले हैं,

ये भी जाने ही वाले हैं !

तुम शोर करते हो,

सुर्खियों में आने के लिए

हमारी तो खामोशियां अखबार बनी हुई हैं !

माना कि बदलते वक्त के साथ,

रिश्ते हाथ से छूट कर चले जा रहे हैं,

लेकिन कभी वक्त की डालियों से,

सुनहरे पलों को यूं तोड़ा नहीं करते !

जिंदगी ने सवाल बदल दिए

समय ने हालत बदल दिए

हम तो वही है यारों पर लोगो,

ने अपने ख्याल बदल दि

कोई आहट नही बदन की कहीं,

फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं,

वक्त जाता सुनाई देता है,

तेरा साया दिखाई देता है !

तन्हाई अच्छी लगती है,

सवाल तो बहुत करती पर,

जवाब के लिए जिद्द नहीं करती !

लिखा नहीं जो किस्मत में,

उसकी चाहत क्या करना,

ये तो एक दिन होना था,

हिज्र पे हैरत क्या करना !

Gulzar shayari in hindi 2 lines

शोर की तो एक उम्र होती है,

खामोशी सदाबहार होती है !

तेरी मुस्कुराहट भी इस कदर कमाल करती है,

बेजार मन को भी गुलजार करती है 

जागना भी काबुल है तेरी यादों में रातभर,

तेरे अहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ !

जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है,

मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है !

बहुत अंदर तक जला देती हैं,

वो शिकायते जो बया नहीं होती !

कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते,

एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें !

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,

रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं !

शायर बनना बहुत आसान है,

बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए !

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