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TOP 80+Rahat Indori Shayari In Hindi |राहत इंदौरी शायरी

Rahat Indori Shayari In Hindi: अगर शायरी को राहत इंदौरी का नाम दे दें तो कुछ गलत बिल्कुल ना होगा क्योंकि ग़ज़ल को खूबसूरती से कहने में राहत इंदौरी का जवाब नहीं। कब किस शायरी को, किस अंदाज़ से पेश करना है इस कला से राहत इंदौरी खूब वाकिफ हैं और अपनी कला के चलते ही आज राहत इंदौरी युवा से अधेड़ और बुजुर्गों के दिलों में भी बसते हैं। राहत इंदौरी मोहब्बत को जिंदा करते हैं।


Rahat Indori Shayari In Hindi


रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,

 चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है“


प्यास अगर मेरी बुझा दे तो मैं जानू वरना

तू समंदर है तो होगा मेरे किस काम का है।


लोग हर मोड़ पे रुक रुक के सँभलते क्यूँ हैं

इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं।


मोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए

और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूँ हैं।


अब न मैं वो हूँ न बाकी हैं ज़माने मेरे

फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे।


देखो देखो जानम हम दिल अपना तेरे लिए लाए

सोचो सोचो दुनिया में क्यूँ आए तेरे लिए आए।


मैं साँसें तक लुटा सकता हूँ उसके एक इशारे पर

मगर वो मेरे हर वादे को सरकारी समझता है ।


 अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​,

फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​, 

ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​,

अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।


विश्वास बन के लोग ज़िन्दगी में आते है,

ख्वाब बन के आँखों में समा जाते है,

पहले यकीन दिलाते है की वो हमारे है,

फिर न जाने क्यों बदल जाते है।


सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,

जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें,

शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम,

आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें।


मेरी सांसों में समाया भी बहुत लगता है,

और वही शख्स पराया भी बहुत लगता है,

उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है लेकिन

आने जाने में किराया भी बहुत लगता है।


आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो,

ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो,

एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो

दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो।


rahat indori shayari


जवानिओं में जवानी को धुल करते हैं,

जो लोग भूल नहीं करते, भूल करते हैं,

अगर अनारकली हैं सबब बगावत का,

सलीम हम तेरी शर्ते कबूल करते हैं।


लवे दीयों की हवा में उछालते रहना,

गुलो के रंग पे तेजाब डालते रहना,

मै नूर बन के ज़माने में फ़ैल जाऊँगा,

तुम आफताब में कीड़े निकालते रहना।



रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं,

चाँद पागल हैं अन्धेरें में निकल पड़ता हैं,

उसकी याद आई हैं सांसों, जरा धीरे चलो,

धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता हैं।


अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको,

वहाँ पर ढूंढ रहे हैं जहाँ नहीं हूँ मैं,

मैं आईनों से तो मायूस लौट आया था,

मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं।



छू गया जब कभी ख़याल तेरा,

दिल मेरा देर तक धड़कता रहा,

कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में,

और घर देर तक महकता रहा।


आग के पास कभी मोम को लाकर देखूँ,

हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूँ,

दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है,

सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखूँ।


कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं,

कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं,

ये केचियाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी,

की हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।


अजनबी ख़्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ,

ऐसे ज़िद्दी हैं परिंदे कि उड़ा भी न सकूँ,

फूँक डालूँगा किसी रोज़ मैं दिल की दुनिया,

ये तेरा ख़त तो नहीं है कि जला भी न सकूँ।


उमीदे टूटी तो उमीद करना छोड़ दिया,

सपने टूटे तो सपने देखना छोड़ दिया,

जबसे दिल टूटा है, साँसे तो ले रहे है,

पर अब उन्होंने जीना छोड़ दिया !


Bewafa Rahat indori shayari in hindi


तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो

मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो


ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे

जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे


न हम-सफर न किसी हम नशीं से निकलेगा,

हमारे पाँव का काँटा है हमीं से निकलेगा !


सिर्फ एक दिल ही है जो बिना,

आराम किये सालों काम करता है,

इसे हमेशा खुश रखिये ,

चाहे ये आपका हो या आपके अपनों का !


motivational rahat indori shayari


राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें

रास्ते आवाज देते हैं सफर जारी रखो !


हर एक हर्फ का अन्दाज बदल रक्खा है

आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है

मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया

मेरे कमरे में भी एक ताजमहल रक्खा है।


मेरे चेहरे पे कफ़न ना डालो,

मुझे आदत है मुस्कुराने की,

मेरी लाश को ना दफ़नाओ,

मुझे उम्मीद है उस के आने की !


हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते जाते,

जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,

अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,

उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते !


दोस्ती जब किसी से की जाए,

तो दुश्मनों की भी राय ली जाए !


ये दुनिया है इधर जाने का नहीं,

मेरे बेटे किसी से इश्क कर,

मगर हद से गुजर जाने का नहीं ।


गाज़ाब का प्यार था उस की उदास आँखों में,

गुमान तक ना हुवा की वो बिछड़ने वाली है !


फूंक डालुंगा मैं किसी रोज दिल की दुनिया,

ये तेरा खत तो नहीं है जो जला ना सकूं !


छू गया जब कभी ख्याल तेरा

दिल मेरा देर तक धड़कता रहा।

कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में

और घर देर तक महकता रहा।


मजा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को,

समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूँगा उसे !!


ज़ुबाँ तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे

मैं कितनी बार लूटा हूँ मुझे हिसाब तो दे।


कही अकेले में मिलकर झंझोड़ दूँगा उसे

जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे

मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का

इरादा मैंने किया था की छोड़ दूँगा उसे।


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