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Poetry for village

 दोस्तों आज हम इस पोस्ट मे गाँव पर कविता (Poem on Village) लेकर आये है इन कविताओं से आपको गाँवो की सुंदरता, वहा का रहन सहन के बारे मे पता चलेगा ओर शहर की हकीकत का भी पता चलेगा,आज हम  गाँव पर कविता लाये है जिसमे हम  गाँव की सुंदरता का कविता के माध्यम से वर्णन करेंगे जो आपको जरूर पसंद आयेगी |

                        हम नादान परिंदे

हम नादान शहर की गलियों में गाव के

खेतो की पगडंडी ढूंढने चला।

गांव की खुशियों को शहर में ढूंढने चला

यहां दिल बहलता पब्बो में और वो गांव

जहा दिल बहालता है चौपालों में

वहा हसी ठिठोली हर उम्र में होता

गुजता हस्सी दोस्तो की हर बातो में

वो गांव जहा हम अगर बैठे चार

वहीं हमारी होती ना जाने कब सुबह से शाम

ये शहर जहां वक्त किसिके लिए नहीं

वो अपने हो या कोई और परिंदा

यहां मोल भाव से बाते होती है और गांव

जहा लोगो के हर बातो में मिठास भरा

और मैं नादान शहर की गलियों में गाव के

खेतो की पगडंडी ढूंढने चला।

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